स्वच्छ आबोहवा, फेनिल झरनों और हरियाली के लिए मशहूर दून के आसपास बड़े टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की अपार संभावनाएं हैं। फिर भी सरकारें और पर्यटन महकमा व्यापक स्तर पर नए पर्यटन स्थल विकसित नहीं कर पाया है। अलबत्ता, पुराने पर्यटक स्थल भी बदहाल नजर आ रहे हैं। इन स्थानों पर मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते पर्यटकों के मन में ये पर्यटन स्थल सकारात्मक छवि नहीं बना पा रहे हैं।
इन पर्यटन स्थलों की सूरत संवारने की जरूरत
सहस्त्रधारा : बदहाली लगा रही दाग
शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर जंगल के बीच में स्थित सहस्त्रधारा यूं तो एक पिकनिक स्पॉट है, लेकिन यहां का मुख्य आकर्षण वे गुफाएं हैं, जिनसे लगातार गंधक युक्त पानी टपकता रहता है। बताया जाता है कि यहां स्नान करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल इस वक्त बहुत ही बदहाली के दौर से गुजर रहा है। वहां सुलभ शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा तक दुरुस्त नहीं है।
टूरिस्ट इंफारमेशन सेंटर भी बदहाल है। दुकानों, तालाब, पार्किंग और फोटोग्राफी की सुविधा भी ठीक से संचालित नहीं हो पा रही हैं। सीजन में यहां जाम की समस्या से पर्यटक बहुत परेशान रहते हैं। जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान का कहना है कि सुलभ शौचालय और टूरिस्ट इंफारमेशन सेंटर को दुरुस्त किया जा रहा है। साथ ही अन्य सुविधाओं के टेंडर के लिए डीएम से अनुरोध किया गया है।
इन पर्यटन स्थलों की सूरत संवारने की जरूरत
सहस्त्रधारा : बदहाली लगा रही दाग
शहर से करीब 12 किलोमीटर दूर जंगल के बीच में स्थित सहस्त्रधारा यूं तो एक पिकनिक स्पॉट है, लेकिन यहां का मुख्य आकर्षण वे गुफाएं हैं, जिनसे लगातार गंधक युक्त पानी टपकता रहता है। बताया जाता है कि यहां स्नान करने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। सहस्त्रधारा पर्यटक स्थल इस वक्त बहुत ही बदहाली के दौर से गुजर रहा है। वहां सुलभ शौचालय जैसी मूलभूत सुविधा तक दुरुस्त नहीं है।
टूरिस्ट इंफारमेशन सेंटर भी बदहाल है। दुकानों, तालाब, पार्किंग और फोटोग्राफी की सुविधा भी ठीक से संचालित नहीं हो पा रही हैं। सीजन में यहां जाम की समस्या से पर्यटक बहुत परेशान रहते हैं। जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान का कहना है कि सुलभ शौचालय और टूरिस्ट इंफारमेशन सेंटर को दुरुस्त किया जा रहा है। साथ ही अन्य सुविधाओं के टेंडर के लिए डीएम से अनुरोध किया गया है।
गुच्चुपानी : टूटी सड़क, जाम और पार्किंग बड़ी समस्या
शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर है रॉबर्स केव (गुच्चुपानी) पर्यटक स्थल। यहां एक गुफा है, जिसमें से होकर एक छोटी सी जलधारा बहती है। गुफा में जूते ले जाना मना है। इसके लिए वहां किराए में 10 रुपये में चप्पल मिल जाती हैं। गुच्चुपानी में सबसे बड़ी समस्या बदहाल सड़क, जाम और पार्किंग को लेकर है।
भीड़ बढ़ने पर यहां मारपीट की घटनाएं भी अक्सर होती हैं। पिछले काफी समय से यहां पार्किंग स्थल नदी की तरफ से टूटा हुआ है। जिससे दुर्घटना होने का डर बना रहता है। जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान ने बताया कि पार्किंग को सही करने के लिए इस्टीमेट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा है।
ये पर्यटन स्थल हो सकते हैं विकसित
लंबी देहर माइंस
एशिया के सबसे बड़े हांटेड हाउस लंबी देहर माइंस को नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। मान्यता है कि यहां लाइम स्टोन की माइंस चलती थी। कुछ वर्षों के अंतराल में इस माइंस में हजारों मजदूर जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद से माइंस बंद हो गई थी और पूरा ढांचा अब खंडहर है। यहां गढ़ी कैंट क्षेत्र से किमाड़ी होते हुए और मसूरी रोड से भट्टा फॉल से करीब 13 किलोमीटर चलकर अपने वाहन से पहुंचा जा सकता है।
एडवेंचर हब बनेगा मालदेवता
शहर से करीब 17 किलोमीटर दूर पहाड़ियों की तलहटी में सौंग नदी के किनारे स्थित मालेदवता को एडवेंचर हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिला पर्यटन अधिकारी का कहना है कि मालदेवता में पैराग्लाडिंग के अलावा रॉक क्लाइंबिंग, बाइकिंग और ट्रैकिंग आदि की सुविधाएं शुरू करने पर तेजी से काम चल रहा है।
भीड़ बढ़ने पर यहां मारपीट की घटनाएं भी अक्सर होती हैं। पिछले काफी समय से यहां पार्किंग स्थल नदी की तरफ से टूटा हुआ है। जिससे दुर्घटना होने का डर बना रहता है। जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल चौहान ने बताया कि पार्किंग को सही करने के लिए इस्टीमेट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा है।
ये पर्यटन स्थल हो सकते हैं विकसित
लंबी देहर माइंस
एशिया के सबसे बड़े हांटेड हाउस लंबी देहर माइंस को नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा सकता है। मान्यता है कि यहां लाइम स्टोन की माइंस चलती थी। कुछ वर्षों के अंतराल में इस माइंस में हजारों मजदूर जिंदा दफन हो गए थे। इसके बाद से माइंस बंद हो गई थी और पूरा ढांचा अब खंडहर है। यहां गढ़ी कैंट क्षेत्र से किमाड़ी होते हुए और मसूरी रोड से भट्टा फॉल से करीब 13 किलोमीटर चलकर अपने वाहन से पहुंचा जा सकता है।
एडवेंचर हब बनेगा मालदेवता
शहर से करीब 17 किलोमीटर दूर पहाड़ियों की तलहटी में सौंग नदी के किनारे स्थित मालेदवता को एडवेंचर हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। जिला पर्यटन अधिकारी का कहना है कि मालदेवता में पैराग्लाडिंग के अलावा रॉक क्लाइंबिंग, बाइकिंग और ट्रैकिंग आदि की सुविधाएं शुरू करने पर तेजी से काम चल रहा है।